अजय कंडेवार,वणी:- शहर की मुख्य सड़क पर दिलीप भोयर ने 27 फरवरी को शाम 5 बजे शासकीय विश्रामगृह वणी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि ,शहर के मुख्य मार्ग पर चल रहे सीमेंट कंक्रीट रोड टेंडर में गड़बड़ी और नियमों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपये का काम किये जाने की जानकारी वंचित बहुजन अघाड़ी के दिलीप भोयर ने साक्ष्य सहित पुलिस को दी लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो दिलीप भोयर ने संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए यवतमाल के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया हैं।
वणी शहर में चिखलगांव रेलवे गेट से वरोरा रेलवे गेट तक। सार्वजनिक निर्माण विभाग, पांढरकवड से सीमेंट फोर-लेन सड़क, नाली निर्माण और स्ट्रीट लाइट लगाने के काम के लिए बी-2 टेंडर प्राप्त करने के लिए। जे.पी.एंटरप्राइजेज मुंबई, निविदा के बाध्यकारी नियमों और शर्तों के अनुसार, वास्तविक कार्य स्थल के 25 किमी के दायरे में 60 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे के आरएम का मालिक है। सी चिलिंग प्लांट, सैंड वॉश प्लांट, ट्रांजिट मिक्सर, पेवर इत्यादि सहित संयंत्र के स्वामित्व का प्रमाण जमा करके निविदा प्राप्त की जाती है, लेकिन ठेकेदार को निविदा में निर्दिष्ट दूरी से अपने संयंत्र से सीमेंट कंक्रीट लाना आवश्यक है और कार्य को अपने द्वारा नियुक्त तकनीकी स्टाफ द्वारा सम्पादित करें। बाइंडिंग करते हुए जे.पी. किस आधार पर उद्यमों ने नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया और ट्रायल और रन रिपोर्ट प्रस्तुत किए बिना अपना संयंत्र स्थापित किए बिना काम शुरू किया और किस आधार पर कार्यकारी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, पंढरकावड़ा ने संबंधित ठेकेदार को आर को निर्देशित किया। यह आश्चर्य की बात है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी वणी को काम करने की अनुमति है और वह घटिया काम कर रही है। ऐसा आरोप भी पत्रकार वार्ता में लगाया गया l चल रहे कार्य में संजय ऑटो मोबाइल के पास सड़क की सतह उखड़ गयी है और गड्ढे बन गये हैं. इसके अलावा साईं दरबार के पास वाली गली की पूरी लंबाई में जगह-जगह सड़क टूट गई है। पिछले दो साल से काम मनमाने ढंग से बेहद धीमी गति से चल रहा है और निर्माण विभाग की ओर से कोई रोक-टोक नहीं दिख रही है. साथ ही, जनता को होने वाली इन सभी प्रकार की असुविधाओं और लगातार छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के कारण सरकारी इंजीनियरों पर कभी भी काम पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
इसलिए वंचित बहुजन अघाड़ी के विधानसभा अध्यक्ष दिलीप भोयर ने बार-बार शिकायत की और विभाग को इसकी जानकारी दी। आखिरकार सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज मिलने के बाद घोटाला सामने आया। साथ ही कार्य की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद कार्यपालन अभियंता ने इस कार्य के लिए संबंधित ठेकेदार को आठ बार भुगतान कर दिया है। यानी जब 25 किमी परिधीय दूरी के अंदर प्लांट स्थापित करने के बाद एक माह के अंदर ट्रायल एंड रन रिपोर्ट नहीं सौंपी गई तो एग्रीमेंट रद्द क्यों नहीं किया गया। और आंख मूंदकर मिलीभगत करके सरकार को धोखा दिया गया है. ऐसी प्राप्त सूचना के आधार पर दिनांक 15/2/2024 को थानेदार पुलिस स्टेशन व चीणी में विधिवत अपराध पंजीबद्ध कर उचित कार्यवाही हेतु लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर दिनांक 21/2/2024 को पुलिस अधीक्षक को उचित कार्यवाही एवं जांच हेतु शिकायत दर्ज करायी गयी तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है.