अजय कंडेवार, वणी:- सहकारिता आंदोलन “सहकारिता के बिना मुक्ति नहीं” के सिद्धांत पर शुरू किया गया था। हालाँकि, जिले में ऋण संस्थाओं में भारी वित्तीय अनियमितताएं बढ़ गई हैं। अब ऑडिटरों की शिकायत के आधार पर यह बात सामने आई है कि,राजूर वेकोलि कर्मचारियों की ऋण संस्था में भी घोटाला हुआ है। कई लोगों ने बड़े विश्वास के साथ इस ऋण संस्थान में पैसा निवेश किया। हालाँकि, बचत की उतनी राशि प्राप्त नहीं हो रही थी, इसलिए सदस्यों के बीच ऋण संस्थान के संबंध में सवाल उठने लगे।
अभय निकोडे एक सरकारी लेखा परीक्षक और राजूर में वेस्टर्न कोलफील्ड्स एम्प्लॉइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के प्रशासक हैं। लेखा परीक्षक डी. आर खराबे ने इस ऋण संस्था का 2023-24 के लिए वार्षिक लेखा-परीक्षण पूरा कर लिया है। इस संबंध में कई अनियमितताएं सामने आने पर वणी पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार अध्यक्ष दिलीप जानबा टेंभूर्डे, सचिव रमेश कुमार मौलीराम कनोजिया और क्लर्क संजय अर्जुन शेट्टी पर एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर वेस्टर्न कोलफील्ड्स कर्मचारी सहकारी साख सोसायटी से 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 26 लाख 47 हजार 339 रुपये का गबन करने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस विभाग को दी गई अपनी शिकायत में बताया था कि, एक गुप्त खाते में लाखों रुपए जमा किए गए हैं।
लेकिन चर्चा है कि ,1 मार्च 2025 को निदेशक मंडल की एक गुप्त बैठक में करीब “1.5 करोड़ रुपये” का घोटाला उजागर हुआ हैं अब विश्वसनीय जानकारी के माध्यम से सामने आ रही है . और इस् रहस्य का शीघ्र ही खुलासा हो जाएगा, दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं तथा जांच शुरू की जा रही है। ज्ञात हो कि इस क्रेडिट संस्थान में 17 निदेशक मंडल हैं। इनमें से 2 सचिव, एक अध्यक्ष और एक प्रबंधक पर इस धोखाधड़ी को अंजाम देने का विशेष आरोप है। ऑडिटर ने मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेजी सबूतों के साथ एक रिपोर्ट पुलिस को सौंपी है और स्वयं वणी पुलिस ऑडिटर खराबे की शिकायत के बावजूद कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
1•बडी मच्छलिया भी गिरफ्त के बाहर…..
यदी इस संबंध में मामला दर्ज हूवा तो, बहोत जल्डी बडी मच्छलिया भी गिरफ्त में आं सकती हैं.वेकोलि के सेवानिवृत्त कर्मचारी, मजदूर वर्ग और जमाकर्ताओं ने न्याय मिलने की गुहार लगायी हैं … पर यह प्रकरण काफी जटिल होतें जा रहा है ताकी इसमे कें गून्हेगारो को कोई राजकिय पन्हा तो नहीं मिल रही हैं. ऐसे कई सवाल अनुत्तरीत हैं.
2 •एस.पी. सर….केस दर्ज करने की अनुमति दें।- जमाकर्ता
राजूर कोयला खदान के कई जमाकर्ताओं की जमाराशि इस ऋण संस्था में रखी हुई है। इस ऋण संस्था में करीब 4 करोड़ रुपए जमा हैं। समय सीमा बीत जाने के बाद भी उन्हें पैसे नहीं मिले हैं। पैसे डूबने का डर है। इस मामले को लेकर ऑडिटर डी.आर.खराबे द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। जमाकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि,यवतमाल के एसपी कुमार चिंता साहाब ने वणी पुलिस को सूचित करें ताकि वे इसपर ध्यान देकर गरीब मजदूरों की जमाराशि की जांच कर सकें और बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।